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  02 Jun 2024

हर साधु को पूजा स्थल बनाने की अनुमति देना विनाशकारी होगा


-सार्वजनिक भूमि के उपयोग पर दिल्ली हाईकोर्ट का अहम फैसला
 
नई दिल्ली, दि.2- दिल्ली उच्च न्यायालय ने चेताया है कि यदि हर साधु, गुरु और अन्य धार्मिक हस्तियों को सार्वजनिक जमीन पर पूजा स्थल बनाने की अनुमति दी गई तो इसके गंभीर परिणाम होंगे और व्यापक जनहित खतरे में पड़ जाएगा।
न्यायमूर्ति धर्मेश शर्मा ने एक याचिका पर सुनवाई के दौरान कहा, ‘हमारे देश में विभिन्न जगहों पर हजारों साधु, बाबा, फकीर, गुरु हैं और यदि सभी को सार्वजनिक जमीन पर एक पूजा स्थल या समाधि बनाने तथा निहित स्वार्थ वाले समूहों को निजी लाभ के लिए उसका इस्तेमाल जारी रखने की अनुमति दी जाए तो इसके विनाशकारी परिणाम होंगे तथा व्यापक जनहित खतरे में पड़ जायेगा।’
याचिका महंत नागा बाबा भोला गिरि द्वारा उनके उत्तराधिकारी के माध्यम से दायर की गई थी। इसमें अदालत से जिला मजिस्ट्रेट को निगम बोध घाट पर जमीन उपलब्ध कराने का आदेश देने का आग्रह किया गया था। याचिकाकर्ता ने दिल्ली विशेष कानून अधिनियम द्वारा तय की गई वर्ष 2006 की समय सीमा से पहले भूमि पर स्वामित्व होने का दावा किया था।
अदालत ने पाया कि याचिका में तथ्य नहीं है और जिला मजिस्ट्रेट पहले ही अनुरोध खारिज कर चुके हैं।
उन्होंने भूमि के शहरीकरण और संबंधित राजस्व रिकॉर्ड की अनुपलब्धता का हवाला देते हुए अनुरोध अस्वीकार किया था.